Wednesday, November 2, 2016
गुनाह, सिर्फ ईमानदारी है
यू ना हुआ करो खफा
आईने से हर वक्त
गुनाह, सिर्फ ईमानदारी है उसकी
काम ही है उसका
वो तो सिर्फ चेहरे दिखता है
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Wednesday, August 31, 2016
मौत चुग के ले जाएगी खुद बखुद
इंतज़ार न करो
जिए जाओ बेफिक्र भरपूरमौत चुग के ले जाएगी खुद बखुद
__Infinity
Tuesday, August 30, 2016
तेरे साथ की उम्मीद जोड़ देती है
हर बार
टूट के हो जाता हूँ चूर चूर बिछड़ के तुझ
से
फिर से तेरे साथ की उम्मीद जोड़ देती है
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देश बिक रहा है
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Wednesday, June 15, 2016
अच्छे मौसमों मे तो हर बात अच्छी होती है
तूफानो मे ही मांझी का पता चलता है
वरना अच्छे मौसमों मे तो हर बात अच्छी होती है
__Infinity
Monday, June 13, 2016
धरती माँ का गला दबा रहे है
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Thursday, June 9, 2016
कोई खाने के लिए मरता है यहाँ कोई खा के मर जाता है
शर्ट के पवंदो में नजर आती है औकात हमारी
कोई खाने के लिए मरता है यहाँ कोई खा के मर जाता है
__Infinity
Wednesday, June 8, 2016
शर्ट के पेवंद में नजर आती है औकात हमारी
खर्च नाम का गुंडा हर महीने लूट लेता है इज्जत तनख्वा नाम की अवला की
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खुशिओं से कीमती हो गया पैसा
खुशिओं से कीमती हो गया पैसा
हाय राम ये दिन दिखा रहा है जाने कैसा
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Wednesday, June 1, 2016
सहंशाह हो गया मिल के तुझ से
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Friday, May 27, 2016
आओ माँ तुम्हे लोरी सुना दूँ
आओ माँ
तुम्हे लोरी सुना दूँ
जागती रही पूरी जिंदगी तुम
आओ थोड़ी के लिए तुम्हे भी सुला दू
हमें पालने में बूढ़ी हो गई हड्डियों की
थोड़ी थकान मिटा दू
उतना तो नहीं कर सकता
किया जितना तुमने
बस
थोड़ा सा ही सही
तुम्हे आराम दिला दूँ
दिन के अधिकतर हिस्से जो तुमने बिताये
संभालने में हमें समझी हर जरूरत हमारी
थोडा ही सही सुकून दिल दूँ
भागती रही हो पूरी जिंदगी
सबके लिए
आओ थोड़ा सा पैर दबा दूँ
आँखे थक गई होंगी तुम्हारी थोड़ी सी
रात देर तक जग कर
सुबह उठ कर सबसे पहले
आओ ना उन आँखों को
थोड़ी नींद दिला दूँ
मिट गई जो हांथो की लकीरे तुम्हारी
पेट भरने के लिए हमारी
आओ तुम्हारे लकीरो मे
किस्मत वाली रेखा को थोड़ा आगे बढ़ा दूँ
बर्तनों को चमकाने में जो बदरंग हो गई है
तुम्हारी हथेलियाँ
आओ न, थोडा सहला दूँ
देख हमें नय कपड़ो में
हो जाती थी खुश पेवंद भरी साड़ियों से
आओ चल के एक नयी साड़ी दिला दूं
सिर्फ हमें खुश रखने के लिए
जो रहती मुस्कान तुम्हारे होंठो पर
इंसान बन गए
बच्चे तुम्हारे
एहसास दिला के
चलो थोड़ी हसीं दिला दूँ
जिन उँगलियो को पकड़ के
बड़ा हुआ आओ
तुम्हारे मजबूत किए गए हांथ
पकड़ा कर थोड़ी दूर घूमा दूँ
आओ न माँ
तुम्हे लोरी सुना दूँ।
__Infinity
Monday, May 23, 2016
Friday, May 13, 2016
Thursday, May 12, 2016
हर जीत अब तुझ से जुड़ी है
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जिंदगी
से कुछ ज्यादा ही जुड़ने लगा हूँ मैं
अब मेरी
जिंदगी में शामिल है तू
साँसो
को संभाल के रखता हू अब मैं
हक है इसपे तेरा मुझ से ज्यादा
तुझ पे हार जाऊँ सब अब यूँ कि
हर जीत अब तुझ से
जुड़ी है
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Saturday, May 7, 2016
मेरे शब्द चुरा के धनी हो गया कोई
मेरे शब्द चुरा के धनी हो गया कोई
मैं अपने नए शब्दों के साथ आमिर बना रहा
__Infinity
Thursday, May 5, 2016
Tuesday, April 19, 2016
मखमल का विस्तर
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Wednesday, March 30, 2016
मासूम बेईमानीयाँ
तेरी मासूम बेईमानीयाँ खूबसूरत है इतनी
हजार ईमानदार कुर्बान क्यूँ न करे हम ....
__Infinity
हजार ईमानदार कुर्बान क्यूँ न करे हम ....
__Infinity
ये बीमारी भी सोंच की ही मारी है
सोंच सोंच पे भरी है
ये बीमारी भी सोंच की ही मारी है .....
__Infinity
ये बीमारी भी सोंच की ही मारी है .....
__Infinity
मासूमो के खू से प्यास नहीं बुझाते
शराब पीने वाले अच्छे होते है जनाव
मासूमो के खू से प्यास नहीं बुझाते
खुद को जलाते है
और खुश भी हो लेते है बहुत ...
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मासूमो के खू से प्यास नहीं बुझाते
खुद को जलाते है
और खुश भी हो लेते है बहुत ...
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Tuesday, March 29, 2016
Sunday, March 27, 2016
Tuesday, March 22, 2016
Sunday, March 20, 2016
Tuesday, March 15, 2016
जिंदगी दौड़ती है अपने रफ़्तार से
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Monday, March 14, 2016
सरहद कि रक्षा करने वाला कोई निर्जीव लौटा है
पड़ोस मे छाया है सन्नाटा
चुप रहो चुप रहो
कि सरहद कि रक्षा करने वाला
कोई निर्जीव लौटा है
__Infinity
चुप रहो चुप रहो
कि सरहद कि रक्षा करने वाला
कोई निर्जीव लौटा है
__Infinity
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Sunday, March 13, 2016
Sunday, March 6, 2016
सुनने वाला कोई खो गया शायद
मेरी आवाज लौट रही है मुझ तक
सुनने वाला कोई खो गया शायद ॥
__Infinity
सुनने वाला कोई खो गया शायद ॥
__Infinity
Saturday, March 5, 2016
कुछ नहीं बहुत कुछ नहीं सब कुछ
कुछ दिन पहले हुई है मुलाकात तुझसे
मिलेंगे तो बताएँगे कि क्या तू है मेरे लिए ।।।
__Infinity
पल
तेरा पल तेरे साथ ही था
मेरा मेरे साथ रहा
हुआ यूँ
कि तू बेवफा हुआ
और मैं हमनवा ही रहा
__Infinity
Friday, March 4, 2016
Wednesday, February 24, 2016
फूक मार के उड़ा दिया
गर्दिशों मे हो गया गुमनाम कोई
उसने राख़ समझा
फूक मार के उड़ा दिया
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Tuesday, January 26, 2016
Friday, January 22, 2016
उंगली पकड़ लो पापा
दहेज़ के लिए जहर पिला दी गई बेटी को
पिता ने बहा दिया नदी में
साथ साथ किनारे किनारे वो भी तैरता रहा
बेटी के साथ
साथ जहर उतार जाये
और उठ के बेटी फिर बुलाये
उंगली पकड़ लो पाप
__ Infinity
Monday, January 18, 2016
कर दो ताड़ ताड़ मुझे एक बार फिर
पोत दो कालिख मेरे मुह पे
निकाल लो भड़ास अपनी
साफ चेहरा
मेरा बेदाग जिश्म
सहन नहीं होता तुम से
मेरा दर्द खुश कर जाती होगी तुम्हें
बहन माँ पत्नी लड़की सिर्फ अपनी होती है न
दूसरों की हो तो क्या सिर्फ जिश्म
नोच लो गिद्ध बन जाओ
निर्वश्त्र कर दो एक द्रोपादी को फिर से
कृष्ण नहीं आते आब
बस बचे है सिर्फ दुर्योधन और दुसशासन
नंगा कर देने के लिए सार्वजनिक
धृतराष्ट्र आज भी काबिज है यहाँ सिंहशसन पर
भीष्म की प्रतिज्ञ कर के बैठे है लोग सिर्फ खुद के लिए
गांधारी को भी आंखो पर बंधे कपड़ो के आगे नहीं दिखाता है कुछ
बेंच आई थी मुझे मेरे जैसे ही कोई
भरोषा कर के हाथ पकड़ लिए था जिसका मैंने
आओ
मेरा अधिकार नहीं है कुछ
और सारा कर्तव्य मेरा
डरते क्यू हो तुमसे तो गलती हो जाएगी
और सारे सवाल मेरे
आओ दागदार कर दो मुझे
क्यो मैं हो सिर्फ जिश्स्म
दर्द तो सिर्फ खुद को होती है
दूसरों को तो होता है बहाना
आओ कर दो ताड़ ताड़ मुझे एक बार फिर
__Infinity
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Saturday, January 16, 2016
Wednesday, January 6, 2016
तुझे तब भी करूंगा प्यार
तुझे तब भी करूंगा प्यार
जब झुर्रियों से भर जाएगा तेरा चेहरा
और भी ज्यादा
जब तेरी आवाज नहीं रहेगी मीठी अब के जैसा
जब तू सीधी चल नहीं पाएगी तब भी
तुझे पकड़ कर सहारा दूँगा
मैं तब भी चाहूँगा तुझे उतना ही
जब हो जाएंगे तेरे सारे कपड़ो के साथ पोस्तीन ढीले
जब तू चल नहीं पाएगी तेज
मेरे कदम से कदम मिला के तब भी
उतना ही चाहूँगा तुझे
जब बैठे बैठे ऊँघेगी तू तब भी
उतना ही करूंगा प्यार
जब भूल जाओगी तुम बार बार
चाय मे चीनी
सब्जी मे नमक
तब भी करूंगा उतना ही प्यार
झड़ जाये बेशक तेरे सारे दांत
एड़ियाँ हो जाए चाहे कितनी भी खुश्क
फट जाये होठ तेरे चाहे
और भूरे हो जाए तेरे केस सारे
तब भी तुझे करूंगा उतना ही प्यार
तेरी अंतरआत्मा देखी है मैंने
जो कभी नहीं होगी पुरानी
बूढ़ी होगी नहीं कभी
हमेशा रहेगी नयी
बिलकुल तेरे आंखो मे बसी मेरे लिए बेचैनी की तरह
बार बार मुझे देख कर खुश होने वाले मन की तरह
तुझे अब की तरह तब भी करुंगा
बेंतहा प्यार .....
Tuesday, January 5, 2016
आब आई हो तो पास ही रहना
सुबह की शबनम की तरह तेरी आँखों की चमक
शाम के गिरते अंधेरों की तरह जुल्फों की छाव
गुलाब की पंखुड़ी सा तेरी होठों का एहसास
बारह मास खिलने वाले फूलो सा तेरा ये मन
कहाँ से लाई हो ये किस जहां से उतर के आई हो
मेरी जहन मे थी एक तस्वीर
अक्स बनाता था हमेशा मन के जमींन पर
बिलकुल उसी की तरह नजर आती हो तुम
आब आई हो तो पास ही रहना
बुढ़ापा बिताएँगे साथ-साथ
एक दूसरे की उंगली थामे
कंधे संभाले
चलेगे साथ, सात जन्मो की राह पर एक साथ ही
इस जिंदगी के चुक जाने के बाद
अब जिंदगी के हर हिस्से पर
किसी और का भी हक है
कोई और भी चिंतित है
सोंचते है हम भी अब किसी और के लिए
__Infinity
Sunday, January 3, 2016
खुद को तेरी याद दिला लेते है
यू ही बैठे बैठे मुस्कुरा लेते है
खुद को तेरी याद दिला लेते है
वो तुझ से मिल के हुआ था एहसास
उसे बार बार खुद ही जगा लेते है
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