तुझे तब भी करूंगा प्यार
जब झुर्रियों से भर जाएगा तेरा चेहरा
और भी ज्यादा
जब तेरी आवाज नहीं रहेगी मीठी अब के जैसा
जब तू सीधी चल नहीं पाएगी तब भी
तुझे पकड़ कर सहारा दूँगा
मैं तब भी चाहूँगा तुझे उतना ही
जब हो जाएंगे तेरे सारे कपड़ो के साथ पोस्तीन ढीले
जब तू चल नहीं पाएगी तेज
मेरे कदम से कदम मिला के तब भी
उतना ही चाहूँगा तुझे
जब बैठे बैठे ऊँघेगी तू तब भी
उतना ही करूंगा प्यार
जब भूल जाओगी तुम बार बार
चाय मे चीनी
सब्जी मे नमक
तब भी करूंगा उतना ही प्यार
झड़ जाये बेशक तेरे सारे दांत
एड़ियाँ हो जाए चाहे कितनी भी खुश्क
फट जाये होठ तेरे चाहे
और भूरे हो जाए तेरे केस सारे
तब भी तुझे करूंगा उतना ही प्यार
तेरी अंतरआत्मा देखी है मैंने
जो कभी नहीं होगी पुरानी
बूढ़ी होगी नहीं कभी
हमेशा रहेगी नयी
बिलकुल तेरे आंखो मे बसी मेरे लिए बेचैनी की तरह
बार बार मुझे देख कर खुश होने वाले मन की तरह
तुझे अब की तरह तब भी करुंगा
बेंतहा प्यार .....
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