मास्क बिक रहे हैं धरल्ले से बाज़ार में कट के दरख्त कई पड़े है कतार में सुबह की हवा वैसी नहीं रही अब कहते फिर रहे है गमले में पौधे लिए सब पूछते है पौधे बेचने वाले से कि दे दो वो पौधा जो देता हो सबसे ज्यादा ऑक्सीजन बालकोनी के बौने पौधों क्या करेंगे दूर प्रदूषण अब तक हम पीते थे पानी लगा के फ़िल्टर मशीन खरीदनी है कल जो हवा को कर रही है साफ़ काश ये हवा साफ़ करने वाली मशीन लगी हो हर चौक पे फिर २-४ गंगे पी लेंगे दोस्तों के साथ चाय की दूकान में पूरी सांस भी नहीं मिलती है अब भर फेफड़ा हवा कहाँ #Infinity
तुम आओ उड़ के भरपूर
छू के आओ गगन सारा
लाँघ आओ महासागर सारे
हम यहीं है
रहेंगे इंतजार में जिन्दा रहने तक
अस्थियां भी करेंगी इंतज़ार तुम्हारा
जब थक जाना दौड़ते-दौड़ते
आज जाना
जब भी जरूरत पड़े सुस्ताने की
हमारे अंजुलिओं की छाँव
अब भी गहरी है
इंतजार में बैठे रिश्ते
फिर अपना लेंगे तुम्हे ......
देश बिक रहा है
तुम भी अपना हिस्सा बेंच दो हुक्मराणों
हम तो तब भी फकीर थे
रहेंगे वही
हमारे हिस्से मे
तो दो गज जमीन भी नहीं
गिरेंगे कहीं मिल जाएंगे मिट्टी मे
उगे थे जहां से
तुम अपने सोने वाले पंख लगा के
उड़ जाना फूलों के बाग की ओर