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Sunday, October 14, 2018

पत्थरों के बीच खिला है एक छोटा पौधा



पत्थरों के बीच खिला है एक छोटा पौधा
लड़ना था उसे बस
याद रहा उसे इतना हीं
किसने क्या कहा
किसने क्या किया
क्या मालूम क्या पता
उसने तो सिर्फ़ ये किया
कि उसने तो सिर्फ़ अपना पक्ष जिया
कहना तो बहुत था आसान
उसने सिर्फ़ किया
बेफ़िक्र जिया बेफ़िक्र जिया

#Infinity



Sunday, March 12, 2017

जिंदगी और मौत हर किसी का है

जिंदगी और मौत
हर किसी का है
कोई मान लेता है
किसी को मनना पड़ता है ग़ालिब

__Infinity



Thursday, February 9, 2017

एहसास काफी है फिर एक बार जुड़ने के लिए

चुप रहिये कुछ बोलिये न बेशक
पर रहिये यही
एहसास काफी है फिर एक बार जुड़ने के लिए।
__Infinity

हो जाओ बड़े बहुत


हो जाओ बड़े बहुत
हो जाओ खूब दूर पुराने रिश्तों से
मत पहचानना,
जब यादे खटकाये किवाड़ तुम्हारा
याद रखना हमेशा लेकिन
जब भी तुम्हे तुम्हारे जैसे लोग
कभी दिल दुखाये तुम्हारा
कई कंधे तुम्हारे सर के इंतज़ार में तब भी होंगे
तुम्हारे आंसुओ के लिए
कुछ ईमानदार रिश्ते तब भी करेंगे इंतज़ार
कीमत जान जाओगे
उन उंगलिओ की
उठेंगी जो पोंछने के लिए आंसूओ तुम्हारे

__Infinity

Wednesday, August 31, 2016

मौत चुग के ले जाएगी खुद बखुद

इंतज़ार न करो 
जिए जाओ बेफिक्र भरपूर
मौत चुग के ले जाएगी खुद बखुद



__Infinity

Wednesday, March 30, 2016

मासूमो के खू से प्यास नहीं बुझाते

शराब पीने वाले अच्छे होते है जनाव
 मासूमो के खू से प्यास नहीं बुझाते
खुद को जलाते है
और खुश भी हो लेते है बहुत ...

 __Infinity

Monday, March 14, 2016

सरहद कि रक्षा करने वाला कोई निर्जीव लौटा है

पड़ोस मे छाया है सन्नाटा
चुप रहो चुप रहो
कि सरहद कि रक्षा करने वाला
कोई निर्जीव लौटा है

__Infinity

Friday, August 28, 2015

इस मुफ़लीशी के काश मे

कितना भटके हम और
उस आसरे के आस मे
मिलतान नहीं कोई हमसफर
इस मुफ़लीशी के काश मे

--Infinity

हम भी तू नहीं

हमने तुझे आप कह दिया
तो यू न समझ नासमझ
हम भी तू नहीं ...

--Infinity

Saturday, August 22, 2015

कहीं खुद को पहाड़ तो न समझ लिया तूने







कहीं खुद को पहाड़ तो न समझ लिया तूने
हम भी धशरथ माँजी है
तोड़ के रख देंगे और
बना लेंगे अपना रास्ता

---- Infinity

Thursday, July 23, 2015

जब भी मिला मुसकुराता मिला तू मुझसे


जब भी मिला मुसकुराता मिला तू मुझसे
लगता था मेरे दिल से तेरा दिल ज्यादा भरा है ...
---Infinity

Friday, March 20, 2015

Monday, December 1, 2014

पूरी रात मोटी रज़ाई मे ठंढ लगती रही ....






कल रात गुजरते हुए उस चौक पर
ठिठुरते हुए 2 बच्चो एक माँ को देखा था
पूरी रात मोटी रज़ाई मे
ठंढ लगती रही ....
.........Infinity

Wednesday, November 19, 2014

Wednesday, October 15, 2014

कल ही तस्वीर खिचाई थी उसने

कल ही तस्वीर खिचाई थी उसने
गाल पे गड्ढे वाली
फिर गिराने का ख्याल आया होगा...
प्यार मे खुद के किसी बेगुनाह को
---Infinity

Monday, September 8, 2014

हिचकियों से पता लगता ही होगा तुम्हें अक्सर

Jikr karata hoo hamesha tumhara
Har roj
Hichkiyon se pata lagata hi hoga tumhe aksar

जिक्र करता हू हमेशा तुम्हारा
हर रोज
हिचकियों से पता लगता ही होगा तुम्हें अक्सर

: Infinity

Friday, July 18, 2014

पता न चला कब बारिश के पानी कब धुले गए थे आँसू....

बारिश हुई थी कल किसी की आँख गीली हुई थी
पता न चला कब बारिश के पानी कब धुले गए थे आँसू....
---Infinity

Saturday, June 21, 2014

ऊसके अपने ही थूक से मिटती रही उसकी भूख


 


















 रोड पे बैठे भिखारी ने आधी रोटी कुत्ते को दे दी
आर आधी बचा के रख ली रात के गुजरे के लिय
और पिज्जा हट मे बैठे इंसान को देखता रहा एक भूखा बच्चा
शीशे की दीवार के दूसरी ओर से टक टक
और ऊसके अपने ही थूक से मिटती रही उसकी भूख
और बचे हुए पिज्जे से कूड़ेदान ने भर लिया अपना पेट
------------------- Infinity