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Monday, February 8, 2021

मन है या मौसम

कभी कुछ भी अच्छा लगता है

कभी कुछ भी नहीं

ये मन है या मौसम 

मालूम नहीं


__Infinity

Monday, May 11, 2020

दुनिया तो है लेन-देन का नाम ग़ालिब

poor_widow

दुनिया तो है लेन-देन का नाम ग़ालिब
भगवान को भी चढावा मिलाता है
सिर्फ मन्नते पूरी करने के लिए.....

Tuesday, April 3, 2018

तुलसी आंगन की


Shashwat Shriparv Infinity


अपने घर में गमले की तुलसी को
निकाल दो
रोप आओ धरती के कलेजे में
जा के
वो भी दरख्त बनने की रखती है हैसियत


#Infinity


Thursday, February 9, 2017

हो जाओ बड़े बहुत


हो जाओ बड़े बहुत
हो जाओ खूब दूर पुराने रिश्तों से
मत पहचानना,
जब यादे खटकाये किवाड़ तुम्हारा
याद रखना हमेशा लेकिन
जब भी तुम्हे तुम्हारे जैसे लोग
कभी दिल दुखाये तुम्हारा
कई कंधे तुम्हारे सर के इंतज़ार में तब भी होंगे
तुम्हारे आंसुओ के लिए
कुछ ईमानदार रिश्ते तब भी करेंगे इंतज़ार
कीमत जान जाओगे
उन उंगलिओ की
उठेंगी जो पोंछने के लिए आंसूओ तुम्हारे

__Infinity

Friday, May 27, 2016

आओ माँ तुम्हे लोरी सुना दूँ


























आओ माँ
तुम्हे लोरी सुना दूँ
जागती रही पूरी जिंदगी तुम
आओ थोड़ी के लिए तुम्हे भी सुला दू
हमें पालने में बूढ़ी हो गई हड्डियों की
थोड़ी थकान मिटा दू
उतना तो नहीं कर सकता
किया जितना तुमने
बस
थोड़ा सा ही सही
तुम्हे आराम दिला दूँ
दिन के अधिकतर हिस्से जो तुमने बिताये
संभालने में हमें समझी हर जरूरत हमारी
थोडा ही सही सुकून दिल दूँ
भागती रही हो पूरी जिंदगी
सबके लिए
आओ थोड़ा सा पैर दबा दूँ
आँखे थक गई होंगी तुम्हारी थोड़ी सी
रात देर तक जग कर
सुबह उठ कर सबसे पहले
आओ ना उन आँखों को
थोड़ी नींद दिला दूँ
मिट गई जो हांथो की लकीरे तुम्हारी
पेट भरने के लिए हमारी
आओ तुम्हारे लकीरो मे
किस्मत वाली रेखा को थोड़ा आगे बढ़ा दूँ
बर्तनों को चमकाने में जो बदरंग हो गई है
तुम्हारी हथेलियाँ
आओ न, थोडा सहला दूँ
देख हमें नय कपड़ो में
हो जाती थी खुश पेवंद भरी साड़ियों से
आओ चल के एक नयी साड़ी दिला दूं
सिर्फ हमें खुश रखने के लिए
जो रहती मुस्कान तुम्हारे होंठो पर
इंसान बन गए
बच्चे तुम्हारे
एहसास दिला के
चलो थोड़ी हसीं दिला दूँ
जिन उँगलियो को पकड़ के
बड़ा हुआ आओ
तुम्हारे मजबूत किए गए हांथ
पकड़ा कर थोड़ी दूर घूमा दूँ
आओ न माँ
तुम्हे लोरी सुना दूँ।


__Infinity

Tuesday, April 19, 2016

मखमल का विस्तर


मखमल का विस्तर
चुभता रहा रात भर
एक मजदूर सूखी रोटी खा के
सो गया फर्श पर सुकून से

__Infinity

Wednesday, March 30, 2016

मासूम बेईमानीयाँ

तेरी मासूम बेईमानीयाँ खूबसूरत है इतनी
हजार ईमानदार कुर्बान क्यूँ न करे हम ....

 __Infinity

मासूमो के खू से प्यास नहीं बुझाते

शराब पीने वाले अच्छे होते है जनाव
 मासूमो के खू से प्यास नहीं बुझाते
खुद को जलाते है
और खुश भी हो लेते है बहुत ...

 __Infinity

Sunday, March 27, 2016

चाँद लेकर साथ मे अपने फिर से मिलने आऊँगा


एक बार फिर मैं तेरी रात चुराने आऊँगा
साथ साथ तेरे दिन को साथ घुमाने आऊँगा
दूर हो गया तो क्या फिर
चाँद लेकर साथ मे अपने 
फिर से मिलने आऊँगा ...
__Infinity

Sunday, March 20, 2016

भाई अब उसके स्कूल जाते है रोज


वो लड़की अकेली खेलती है घर के बर्तनो से अब 

भाई अब उसके स्कूल जाते है रोज ... 
 __Infinity

Tuesday, March 15, 2016

बच्चे लगे है रोटी की जुगाड़ में⁠⁠⁠⁠


दुनिया लगी है चीखो-पुकार में
बच्चे लगे है रोटी की जुगाड़ में⁠⁠⁠⁠

__Infinity



Monday, March 14, 2016

सरहद कि रक्षा करने वाला कोई निर्जीव लौटा है

पड़ोस मे छाया है सन्नाटा
चुप रहो चुप रहो
कि सरहद कि रक्षा करने वाला
कोई निर्जीव लौटा है

__Infinity

कई किसान लटक जाते है फंदे से .





















बेमौसम बारिशों मे
जब चाय और पकौड़ो की सोचते हो तुम
कई किसान लटक जाते है फंदे से __Infinity

Monday, January 18, 2016

कर दो ताड़ ताड़ मुझे एक बार फिर






































पोत दो कालिख मेरे मुह पे
निकाल लो भड़ास अपनी
साफ चेहरा
मेरा बेदाग जिश्म
सहन नहीं होता तुम से
मेरा दर्द खुश कर जाती होगी तुम्हें
बहन माँ पत्नी लड़की सिर्फ अपनी होती है न
दूसरों की हो तो क्या सिर्फ जिश्म
नोच लो गिद्ध बन जाओ
निर्वश्त्र कर दो एक द्रोपादी को फिर से
कृष्ण नहीं आते आब
बस बचे है सिर्फ दुर्योधन और दुसशासन
नंगा कर देने के लिए सार्वजनिक
धृतराष्ट्र आज भी काबिज है यहाँ सिंहशसन पर
भीष्म की प्रतिज्ञ कर के बैठे है लोग सिर्फ खुद के लिए
गांधारी को भी आंखो पर बंधे कपड़ो के आगे नहीं दिखाता है कुछ
बेंच आई थी मुझे मेरे जैसे ही कोई
भरोषा कर के हाथ पकड़ लिए था जिसका मैंने
आओ
मेरा अधिकार नहीं है कुछ
और सारा कर्तव्य मेरा
डरते क्यू हो तुमसे तो गलती हो जाएगी
और सारे सवाल मेरे
आओ दागदार कर दो मुझे
क्यो मैं हो सिर्फ जिश्स्म
दर्द तो सिर्फ खुद को होती है
दूसरों को तो होता है बहाना
आओ कर दो ताड़ ताड़ मुझे एक बार फिर


__Infinity 

Wednesday, January 6, 2016

तुझे तब भी करूंगा प्यार



























तुझे तब भी करूंगा प्यार
जब झुर्रियों से भर जाएगा तेरा चेहरा
और भी ज्यादा
जब तेरी आवाज नहीं रहेगी मीठी अब के जैसा
जब तू सीधी चल नहीं पाएगी तब भी
तुझे पकड़ कर सहारा दूँगा
मैं तब भी चाहूँगा तुझे उतना ही
जब हो जाएंगे तेरे सारे कपड़ो के साथ पोस्तीन ढीले
जब तू चल नहीं पाएगी तेज
मेरे कदम से कदम मिला के तब भी
उतना ही चाहूँगा तुझे
जब बैठे बैठे ऊँघेगी तू तब भी
उतना ही करूंगा प्यार
जब भूल जाओगी तुम बार बार
चाय मे चीनी
सब्जी मे नमक
तब भी करूंगा उतना ही प्यार
झड़ जाये बेशक तेरे सारे दांत
एड़ियाँ हो जाए चाहे कितनी भी खुश्क
फट जाये होठ तेरे चाहे
और भूरे हो जाए तेरे केस सारे
तब भी तुझे करूंगा उतना ही प्यार
तेरी अंतरआत्मा देखी है मैंने
जो कभी नहीं होगी पुरानी
बूढ़ी होगी नहीं कभी
हमेशा रहेगी नयी
बिलकुल तेरे आंखो मे बसी मेरे लिए बेचैनी की तरह
बार बार मुझे देख कर खुश होने वाले मन की तरह
तुझे अब की तरह तब भी करुंगा
बेंतहा प्यार .....

Tuesday, December 8, 2015

चिड़िया ने फिर बनाया है घोसला


























चिड़िया ने फिर बनाया है घोसला
उस खिड़की की बगल वाले पेड़ पर
कह देना जा कर उस इंसान को
कि काट न दे पेड़ की टहनियाँ फिर से
उसके लिए होगा सिर्फ एक घास-फूस का घोसला
किसी के लिए सारा जहां है वो

--Infinity

Friday, August 28, 2015

सिर्फ एक इंसान था वो

ना हिन्दू था न मुसलमान था वो
एक बूढ़ा भूखे पेट मर गया
सिर्फ एक इंसान था वो ॥

--- Infinity

कह तो दिया मैंने तुझे

कह तो दिया मैंने  तुझे
जो कहना था आखिर
समझना है जो भी समझ से फिर से एक बार
अब फुरसत नहीं समझने की ...


--- Infinity

मुफ़लिशि है पर मजबूर नहीं ..

जिस्म हो क्यो न हो गई हो पुरानी
रूह अभी भी है ताजा ऐ गालिब
मुफ़लिशि है पर मजबूर नहीं ...

-- Infinity