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Friday, March 16, 2018
Wednesday, February 14, 2018
Sunday, July 9, 2017
मेरा हर बेहतर हिस्सा हो जाये तेरा
मुस्कुराना सीखा है, मैंने तुझ से
तुझसे सीखा है बे मतलब खुश हो जाना
तू है तो सब है, तेरे बिन कुछ भी तो, नहीं
हर एक दिन, लाये ढेर खुशिया हिस्से में तेरे
मेरा हर बेहतर हिस्सा हो जाये तेरा
__Infinity
Tuesday, April 11, 2017
इंतजार में बैठे रिश्ते
इंतजार में बैठे रिश्ते
तुम आओ उड़ के भरपूर
छू के आओ गगन सारा
लाँघ आओ महासागर सारे
हम यहीं है
रहेंगे इंतजार में जिन्दा रहने तक
अस्थियां भी करेंगी इंतज़ार तुम्हारा
जब थक जाना दौड़ते-दौड़ते
आज जाना
जब भी जरूरत पड़े सुस्ताने की
हमारे अंजुलिओं की छाँव
अब भी गहरी है
इंतजार में बैठे रिश्ते
फिर अपना लेंगे तुम्हे ......
__Infinity
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Tuesday, February 14, 2017
सिर्फ ये दिन नहीं हर पल हर दिन तुम्हारा.......
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Thursday, February 9, 2017
एहसास काफी है फिर एक बार जुड़ने के लिए
चुप रहिये कुछ बोलिये न बेशक
पर रहिये यही
एहसास काफी है फिर एक बार जुड़ने के लिए।
__Infinity
पर रहिये यही
एहसास काफी है फिर एक बार जुड़ने के लिए।
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हो जाओ बड़े बहुत
हो जाओ बड़े बहुत
हो जाओ खूब दूर पुराने रिश्तों से
मत पहचानना,
जब यादे खटकाये किवाड़ तुम्हारा
याद रखना हमेशा लेकिन
जब भी तुम्हे तुम्हारे जैसे लोग
कभी दिल दुखाये तुम्हारा
कई कंधे तुम्हारे सर के इंतज़ार में तब भी होंगे
तुम्हारे आंसुओ के लिए
कुछ ईमानदार रिश्ते तब भी करेंगे इंतज़ार
कीमत जान जाओगे
उन उंगलिओ की
उठेंगी जो पोंछने के लिए आंसूओ तुम्हारे
__Infinity
Wednesday, June 1, 2016
सहंशाह हो गया मिल के तुझ से
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Friday, May 27, 2016
आओ माँ तुम्हे लोरी सुना दूँ
आओ माँ
तुम्हे लोरी सुना दूँ
जागती रही पूरी जिंदगी तुम
आओ थोड़ी के लिए तुम्हे भी सुला दू
हमें पालने में बूढ़ी हो गई हड्डियों की
थोड़ी थकान मिटा दू
उतना तो नहीं कर सकता
किया जितना तुमने
बस
थोड़ा सा ही सही
तुम्हे आराम दिला दूँ
दिन के अधिकतर हिस्से जो तुमने बिताये
संभालने में हमें समझी हर जरूरत हमारी
थोडा ही सही सुकून दिल दूँ
भागती रही हो पूरी जिंदगी
सबके लिए
आओ थोड़ा सा पैर दबा दूँ
आँखे थक गई होंगी तुम्हारी थोड़ी सी
रात देर तक जग कर
सुबह उठ कर सबसे पहले
आओ ना उन आँखों को
थोड़ी नींद दिला दूँ
मिट गई जो हांथो की लकीरे तुम्हारी
पेट भरने के लिए हमारी
आओ तुम्हारे लकीरो मे
किस्मत वाली रेखा को थोड़ा आगे बढ़ा दूँ
बर्तनों को चमकाने में जो बदरंग हो गई है
तुम्हारी हथेलियाँ
आओ न, थोडा सहला दूँ
देख हमें नय कपड़ो में
हो जाती थी खुश पेवंद भरी साड़ियों से
आओ चल के एक नयी साड़ी दिला दूं
सिर्फ हमें खुश रखने के लिए
जो रहती मुस्कान तुम्हारे होंठो पर
इंसान बन गए
बच्चे तुम्हारे
एहसास दिला के
चलो थोड़ी हसीं दिला दूँ
जिन उँगलियो को पकड़ के
बड़ा हुआ आओ
तुम्हारे मजबूत किए गए हांथ
पकड़ा कर थोड़ी दूर घूमा दूँ
आओ न माँ
तुम्हे लोरी सुना दूँ।
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Monday, May 23, 2016
Thursday, May 12, 2016
हर जीत अब तुझ से जुड़ी है
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जिंदगी
से कुछ ज्यादा ही जुड़ने लगा हूँ मैं
अब मेरी
जिंदगी में शामिल है तू
साँसो
को संभाल के रखता हू अब मैं
हक है इसपे तेरा मुझ से ज्यादा
तुझ पे हार जाऊँ सब अब यूँ कि
हर जीत अब तुझ से
जुड़ी है
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