हमारी शराफत वक्ते आम हो गई...तुम्हारी रुसवाई झने खाश हो गई...मिली जो गैरते शाम मुझेतुम्हारे वेवफाई सरेआम हो गई...----------------------शाश्वत श्रीपर्व
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