जिन्दगी के कश्म्कश भरे पन्ने में जब भी उतर के देखा
नजर आते है सिर्फ़ काले काले अक्षर
कोशिश करता हूं कि
काले काले अक्षरों के बीच फ़ैला उजाला देखू
पर नजर नहीं आता कुछ भी
जिन्दगी के सारी खुशियां जो तुम्हरे साथ चली गयी है।
कभी जिन्दगी के किसी पड़ाव पे मिलने से पहले बतान जरूर
तकि हम फ़िर खुश रहने के लिए कुछ समान जुटा ले।
तकि तुम्हे न लगे ऐसा कि हम तुम्हारे बिना अधुरे है।
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