जाना चाहता हूँ फिर एक बार...
जहाँ बचपन छूट गया है मेरा....
वो बदपानी कि लंबी चौड़ी झील
वो भोकिमालो का खाता पानी....
भाग के जाना जंगल में टिफिन के बीच में...
धुप के पेड़ को आग दिखा के
धुप काट के लाना
वो क्लास के लड़कियों के डेस्क से
तख्ती निकल चीड़ के फल से क्रिकेट कहलाने
कि इस जवानी के आलम ने
उस बचपन के बच्चे को न जाने कहा खो दिया...
याद आता है वो बचपन कभी कभी.....
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