सपने मे आया था आज 7 वां सिलेन्डर
बोला कि गरीबो, बहुत हो गया अब
अब मै सिर्फ अमीरी का स्वाद चखूँगा
किसी गरीब के घर नहीं, बड़े लोगो के घर पे जलुंगा
कि पीछे उसके डीजल भी खड़ा था
और अपने बढ़े भाव पे इतराता बोला
कि गरीबो अब मै तुम्हारे ट्रैक्टर और पंपिंग सेट में नहीं जलुंगा
बल्कि सिर्फ एक्स उ वी के स्वाद चखूँगा।
मुझे क्या पता था कि जब नींद खुलेगी
तो सिलेन्डर और डीजल ही नहीं
सारा जहां मिलेगा सवाल के साथ
कि जी ले जिंदगी
देखता हू कि गरीब तू अब कैसे
अपना गुजारा चलाएगा।
अपने उस अपमान को खा के
भूख मिटाया है मैंने और
आँसू पी के प्यास मिटा ली है पर
चिंतित हू थोड़ा, कि कल क्या होगा
जब बच्चे आधी भूख मिटाने के बाद
पूरे पेट के लिए सवाल पूछेंगे
Friday, September 14, 2012
गरीबो
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