माँ.....
बस माँ तुम ही हो....
जिसकी हथेली हमेशा बड़ी रही है
मेरी जरूरते मेरे दर्द दुख
हमेशा तेरे आशीर्वाद से छोटे रहे है...
बिना बोले समझ जाती हो मेरी परेशानी
मेरी छोटी सी खुशी से खुश हो जाती हो तुम ...
जैसे जहां मिल गया हो तुम्हें भी जहान सारा ॥
माँ......
मेरी नहीं हू तुम्हारे पास अभी
पर मेरा पूरा सम्पूर्ण
तुम्हारे पास ही है...
तुम्हारे हथेली की कमी हमेशा
खटकती है सर पे मेरे
जब कोई सताता है, परेशान करता है मुझे
लगता है पूरे जहां मे सिर्फ तुम ही हो
जिसके गोद मे सर रख के निश्चिंत
सो सकता हू.....
बिना डरे बिना घबराये
किस सब ठीक हो जाएगा॥
माँ......
तुम भगवान हो...
ब्रह्मांड हो तुम...
माँ तुम सृस्टी का संचार हो तुम.....
माँ......
तुम माँ हो........
माँ......
तुम माँ हो.....
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