Wednesday, September 30, 2015
वो तो दूर बैठे लेते है मजा चुपके चुपके
दंगे मे मरता है कौन हम या तुम, तुम या हम
वो तो दूर बैठे लेते है मजा चुपके चुपके
--Infinity
दंगे की आग पर अक्सर सेंकी जाती है नफ़रत की रोटियां
दंगे की आग पर अक्सर सेंकी जाती है नफ़रत की रोटियां
और भूखे लोग जल जाते है उसी आग में रोटी की आस में
--Infinity
आओ फिर वैसी ही दिवाली मनाए एक बार फिर मिट्टी के दीय जलाए ॥
आओ फिर वैसी ही दिवाली मनाए एक बार फिर मिट्टी के दीय जलाए ॥
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HappyDiwali
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दिवालीकीबधाई
Friday, September 18, 2015
मेरी यादो के भगवान हो तुम
तुम्हारे लिए मैं कुछ हूँ कि ना हूँ
मेरे लिए सारा जहाँ हो तुम
याद आती नहीं होगी कभी मेरी तुझे
मेरी यादो के भगवान हो तुम
---Infinity
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