Monday, July 27, 2015
Thursday, July 23, 2015
न जाने गम छुपाने का हुनर किधर से ढूंढ लाता था वो
मूस्कुराता तो था
हँसता भी था ठहाकों मे
न जाने गम छुपाने का हुनर
किधर से ढूंढ लाता था वो .....
--Infinity
हँसता भी था ठहाकों मे
न जाने गम छुपाने का हुनर
किधर से ढूंढ लाता था वो .....
--Infinity
जब भी मिला मुसकुराता मिला तू मुझसे
जब भी मिला मुसकुराता मिला तू मुझसे
लगता था मेरे दिल से तेरा दिल ज्यादा भरा है ...
---Infinity
Saturday, July 11, 2015
भागते हुए जिंदिगी की राह की शाम हो गई
चलते फिरते
भागते हुए जिंदिगी की राह की शाम हो गई
फिर मिलते है कल सुबह एक नींद के बाद
--Infinity
भागते हुए जिंदिगी की राह की शाम हो गई
फिर मिलते है कल सुबह एक नींद के बाद
--Infinity
Wednesday, July 8, 2015
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