जिन्दा रहते समझ गए होते ग़ालिब
तो मरना न पड़ता बेमौत..
-----------------------------------------> Infinity
जिन्दा रहते समझ गए होते ग़ालिब
तो मरना न पड़ता बेमौत..
-----------------------------------------> Infinity
चादरे चढती रही तेरे मज़ार पर
चूमे जाते रहे मूर्तियां पत्थरों की
कोई गरीब मर गया कई कई बार
फिर एक बार.
-------------------------------------> Infinity
शब्द तेरे काफूर हो गए जाबब सुन के मेरा.
पहले पता होता तो तो इतना बोलने नहीं दिया होता ....
मेरे दिल में दर्द उठा था अचानक कल रात
मुझे याद कर शायद फिर वो कल रोया होगा.....
-----------------------------------------------> इन्फिनिटी