Wednesday, October 5, 2011

मत बोलो हिन्दी

मत बोलो हिन्दी
गुनाह है ये,
बोलोगे तो कोई
राज खुल जायेगा,
लौटने को करेगा मजबूर
अपने गरीब घर को
बोलोगे तो जरूर ही
ठूस कर भेज दिये जाओगे
गाँव, ट्रेन के जेनरल डब्बे मे।
कोई मार देगा गोली
कोई काट देगा गला खुखरी से
यहाँ बांग्लादेशी है बर्दाश्त
पर बर्दाश्त नहीं अपने हिन्दी बोलते भाई
अपने देश के ही।

कि गुनाह है ये
ना करो ये गुनाह
अपने संस्कृति से जुड़े रहने का
मत मनाओ चट्ठ
मत खाओ सतुआ, भात और तरकारी
कि गले मे ही अटक जायेगा।
बाहर गया हुआ
तुम्हारा सगा
किसी अन्जान के हाथों
किसी अन्जान कारण
फ़ासी लटक जाएगा।

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