Wednesday, September 9, 2020

कामदार


मेरी दुनिया वहीं कहीं कोने में ही पड़ी है
मेरे सपनों का मोल पैदा होने से पहले से निर्धारित थे
बिक गए कौड़ियों के भाव
अकीदतमंद है मेरी मेहनत काफिर है सपने मेरे
बस कत्ल के लायक
मेरी औकाद मेरे फाटे कपड़े की दहलीज नहीं लांघ पाती
साहेब बनाये थे ताजमहल सारी दुनिया यही कहती है।
#Infinity

Saturday, September 5, 2020

बेकसूर गुनाहगार


बेकसूर गुनाहगार 

मैं खुश हूं तो ग़म किसको है
क्यों तेरे अगोशे-शुकून का गुनाहगार हूँ मैं।
#Infinity