Saturday, October 22, 2011

हम है तुम्हारे



देर हुई अब जाना होगा
फिर कर लेना बाते बाकी
राते अब भी कई
है बाकी.
घर पे सारे पूछते होंगे
गलत सोचों में जूझते होंगे
कितनी बाते उठती होंगी
बाते बातों से रूठती होंगी
सामने जब मै हो जाऊँगी
एक बार जब रो जाऊँगी
सारी बाते सारे डर
फिर से पीछे हो जाएँगी

मेरा तुमसे वादा है ये
कभी अलग न रह पाऊँगी
बिना तुम्हारे जीवन में क्या
मृत्यू द्वार लाँघू  न मै
एक बार जो कर दिया वादा
टूटा है न टूटेगा फिर
कुछ देर कि है ये जुदाई
फिर से मिलन का आलम होगा
खुश होने का कारण होगा
सारी बाते पूरी करना
समय चक्र गुजर जाने दो
एक बार फिर से मुझको
अपने घर से हो आने दो
सारे कलंक मुझे धो आने दो.........

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