Thursday, June 13, 2013

जब तक जरूरतमंद थे आप

जब तक जरूरतमंद थे आप
तो आपके सारे रस्ते खत्म होते थे हम तक ही
जा पूरी हो गई जरूरते
तो रास्ते बदल गए.....
हम ही थे नासमझ कि समझ न पाए
वरना आप तो पारंगत थे
अपनी जरूरतों को पूरी करने के खातिर
कभी तो भूल जाईये अपने नए रास्तो को
ए पुराना रास्ता कब से इंतज़ार में है
आपको मंजिल से मिलाने के वास्ते....

----------------------> Infinity

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