Friday, April 20, 2012

आँकिएगा ना हमे हम से कम

हमारी तो जात है हिंदुस्तानी

भाषा मुस्कुराहट है

चाहे कुछ भी करो लो

जानेमन

हम जो है

सो है

 

कभी न आकिएगा कम हमे

की हम जब भीड़

गए तो आपकी खैर नहीं।

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